आदरणीय माखनलाल चतुर्वेदी तथा किशोर कुमार की नगरी खंडवा के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ० जगदीश चौरे जी के द्वारा सम्मानित होने से मन में हिंदी साहित्य के वर्तमान स्वरुप को नए ढंग से संवारने की ललक मन में जगी है। गद्य एवं पद्य दोनों विधाओं में नूतन प्रयोग करने की आवश्यकता है।
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